2020, Vol. 5 Issue 1, Part A
विवाह मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤: à¤à¤• अनà¥à¤¶à¥€à¤²à¤¨
Author(s): डाॅ. बिपिन कà¥à¤®à¤¾à¤°
Abstract: विवाह à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनजीवन में गृहसà¥à¤¥ जनजीवन का आधार है। इसका समय निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ के आधार पर होता है à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹ में विवाह के काल निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ के सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नियम उलà¥à¤²à¤¿à¤–ित हैं इस शोध पतà¥à¤° में विवाह, वर कनà¥à¤¯à¤¾ वरण, वधू पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ और दà¥à¤µà¤¿à¤°à¤¾à¤—मन के मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ संगà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¤ हैं।
How to cite this article:
डाॅ. बिपिन कà¥à¤®à¤¾à¤°. विवाह मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤: à¤à¤• अनà¥à¤¶à¥€à¤²à¤¨. Int J Jyotish Res 2020;5(1):23-27.